मेवाती कहावत
1. इयक थाळी का खाण्या।
अर्थ : पक्का वाडी
2. घर आयो मिहमान,
कदी बी आण्या मिहमान अपणो मान ना ख्वोवे हअ।
3. हजार मील को दगड़ो इयक कदम में पार कर ल्येणो,
नसीम तो नू स्वोचे हअ के जो काम दस दिन में ह्वो ऊ आज ह्वो जावे।
4. ख्वोटो सिक्को ख्वोटो ह्वोवे हअ,
कमजोर माणस तो मचूच रहवे हअ।
5. आज को काम ध्येरे पे मत छ्वोड,
आज को काम कदी भी दुबारा लू ना छ्वोडणो चहिये।
6. नीम हकीम खतरा मे ज्यान,
नीम हकीमो से दवा लेना जान खतरे मे डालना जेसा हे
7. इयक तव्वा की रोटी कहा छ्वोटी कहा म्वोटी,
अर्थ बराबर- समानता
8. इयक घाट को पाणी पीणो
अर्थ : एक लुगाई के साथ रहणो
9. इयक तो च्वोरी उप्पर सू सीना ज्वोरी,
अर्थ : चौरी करके अकडनो
10. कदी दिन बडो कदी रात,
अर्थ : सब दिन इकसार ना होवा
11. जाकी लाठी वाकी पाटी
अर्थ : जापे लाठी हे - ताकत हे , वाकी ही पाटी जमीन हे
12. जो गरजा हां वे बरसा नाहां
अर्थ : जो घणा बोला हां वे कुछ ना करां।
13. मुंह में राम बगल में छुरी
अर्थ: ऊपर सू चीकणी बात करणो ओर भीतर सू बुरो होणा।
14. च्यार दिन की चांदणी फिर अंध्येरी रात
अर्थ: कुछ दिन की जिंदगी हे फिर अंधेरी कब्र हे
15. अपणो वही जो आवे काम
अर्थ: सच्चो वाड़ी या साथी ।
16. ओस चांटण सू पिस ना बुझे
अर्थ-बड़े काम के लिए प्रयत्न करना पड़ता है
17. च्वोर-च्वोर मांउसी का भाई
अर्थ-एक जैसे लोग एक साथ रहते हैं।
18. कर बुरो तो ह्वोवे बुरो।
अर्थ-जो जैसा करता है उसके साथ एसा ही होता है।
19. इयक हात सू ताळी ना बाजे।
अर्थ- जब दो लोगों में विवाद होता है तो दोनों की कोई ना कोई गलती होती है।
20. जो गरजा हां वे बरसा ना हां।
अर्थ-जो ज्यादा बोलते हैं वो कुछ नहीं कर सकते।
21. लालच बुरी बलाय हअ।
अर्थ-लालच करना बुरी बात है।
22. ऊंट का मुंह में जीरो।
अर्थ-जहाँ ज्यादा जरूरत होती वहाँ बहुत कम होना।
23. च्यार दिन की चांदणी फिर अंधेरी रात।
अर्थ-थोड़े समय के सबकुछ बहुत अच्छा होना।
24. भेंस के आगे बीन बजाणो।
अर्थ-किसी मूर्ख को अपनी बात समझाना।
25.नियखी कर दरया में ग्येर।
अर्थ-भलाई करने के बदले में कुछ अपेक्षा करना।
26. उवस चांटण सू पिस ना बुझे।
अर्थ:-बड़े काम के लिए बड़ा प्रयत्न करना पड़ता है।
27. थ्वोतो चणो बाजे घणो।
अर्थ:-जिसको कम ज्ञान होता है वो दिखावा करने के लिए अधिक बोलता है।
28. ब्वोया रूख कीकर तो आम कहान सू होये।
अर्थ:-जैसा कर्म करोगे वैसा फल मिलेगा।
29. जेसो राजा वेसी परजा।
अर्थ:-जैसा नेत्रित्व होगा वैसे अनुयायी होंगे।
30. सब चमकण्या चीज सोनो ना रहवे।
अर्थ:-बाहरी रंग-रूप से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
31. पाणी में रहकेनी मगरमच्छ सू बेर।
अर्थ:-अपने क्षेत्र के ताकतवर व्यक्ति से दुश्मनी नहीं करनी चाहिए।
32. अपणो वही जो अपणे काम आवे।
अर्थ:-मुसीबत में काम आने व्यक्ति ही सच्चा मित्र होता है।
33. दान की बछिया का दांत ना द्येखा जावां।
अर्थ:-दान में मिली चीजों में कमी नहीं निकालनी चाहिए।
34. जेसो ब्वोवोगो एसोई काटोगा।
अर्थ:-कर्म के हिसाब से ही फल मिलता है।
35. दाळ में काळो।
अर्थ:-कुछ गड़बड़ होना।
36. नाम लियो ओर सेतान हाजर।
अर्थ:-किसी के बारे में सोचते/बोलते ही उसका सामने आ जाना।
37. पोंच दिखाकेनी भग जाणो।
अर्थ:-डर के भाग जाना।
38. जेसो मुलक एसो भैयस।
अर्थ:-जगह के अनुसार रहना चाहिए।
39. अब पिस्ताण सू कहा होवे जब चिड़िया चुग्गी ख्येत।
अर्थ:-कुछ हो जाने के बाद उसपर पछतावा नहीं करना चाहिए।
40. घर को भ्येदी लंका डहावे।
अर्थ:-करीबी व्यक्ति दुश्मन से मिलकर और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है
41. उवोखळी में सिर दियो तो मूसळ सू कहा डरणो।
अर्थ:-जब कोई चुनौती स्वीकार कर ली है तो आने वाली रुकावटों से नहीं डरना चाहिए।
42. कर बुरो तो होवे बुरो।
अर्थ:-जो जैसा करता है उसके साथ वैसा ही होता है।
43. तम भला तो जग भलो।
अर्थ:-जो खुद अच्छा है उसके लिए सब अच्छे हैं।
44. जो गरजा हां वही बरसा ना हां।
अर्थ:-जो ज्यादा बोलते हैं वे कुछ नहीं करते।
45. ऊंची दुकान फीका पकवान।
अर्थ:-देखने में अच्छा परंतु वास्तव में सामान्य होना।
46. भेंस के आगे बीन बजाणो।
अर्थ:-किसी मूर्ख को अपनी बात समझाना।
47. दूद को पाणी छाछ हे बी फूंक-फूंककेनी पीवे हे।
अर्थ:-एक बार गलती हो जाने पर व्यक्ति सावधान हो जाता है।
48. दूर का ढोल अच्छा रहवा हां।
अर्थ:-दूर से चीजें अच्छी लगती हैं।
49. बासी बचे ना कुत्तो खावे।
अर्थ:-जरूरत की चीज की कमी।
50. बासी कढी में उबाळ आणो।
अर्थ:-बुढापे मे आशीकी को शोक चढनो
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