मेवाती सियासत

अपणा हिस्सा की तरक्की ,भाई सियासत खागी ।

लंदन सू तो मिली आजादी,पर नई गुलामी भागी।


जाने हम पे राज करो,वाकी किस्मत जागी।

ही खानदानी नैता होगा,कौई ना होवे बागी।


कसके दामन पे करूं भरोसो ,हुया सटेटा दागी।

राज करण की हम पे बीरा ,तुक भी उन्ने पागी।


आपस की यू फूट हमारी ,आपन ही खागी।

आने वाली नसलन तक भी ,हीं मायूसी छागी।


दुनिया भर की सभी जहालत ,अपणे हिस्से आगी।

अपणा हिस्सा की तरक्की ,भाई सियासत खागी।


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