मेवाती कविता

#मेवाती_कविता
औरन पर मत राख भरोसो,
आप करा सू होयगो!
जे तेरा करतूत यही हा,
रात-रात भर तू रोयगो!
खेतन मे जा पंहुचा हाली,
और तु तोडा खाट पडो!
अंंगडाई ले जाग निखट्टू,
समय कंहा तक खोयगो!
आधी रात पे काम करेगो,
दिन तो बितो जारो हे!
सूरज निकलो धुप्पर होगी,
और तू कितनो सोयगो!
खेत ना जोतो, खेत ना बोयो,
और कहवा कुठला भर जावे!
दुनिया को दस्तूर हे लाला,
उ काटे हे जो बोयगे!
जैसी कार करेगो कोई,
वेसी वालू हासिल हे!
पढो लिखो तो ऊंचो आदिम,
अनपढ पत्थर ढोवेगो!

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