मेवाती शायरी Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps December 09, 2021 था मेव मरखणा-मरदाना ऐसा ,जो शेरन को मुंह हे फाडे हा,जिनके रण की हुंकार के मारे!दिल्ली के सुलतान भी कांपे हा!लडते भिडते कुर्बानी देके,कुटब, कोम की लाज वो राखे हा! #मेवाती_शायरी #नसीर_मेव Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
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