मेवाती शायरी

बैरण हलबे हलबे चले हे,
देख- देख के बस्ती सारी जले हे!
नागन जैसी चाल देख वाकी,
सबन के दिल पे छुरी चले हे!
वाके हुशन को रोला इतने हे की,
हर गली मे चर्चा वाकी ही चले हे!

#मेवाती_शायरी #नसीर_मेव

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