Posts

बखत की करवट

टेम बखत ने कुछ यु करवट बदली हे, गरीब सोरा हा भूखा,  पडोस मे दावत चलरी हे! टेम बखत अब ऐसे आगो, गरीब, गुरबान के सब हक हे खागो! दहेज मे दुनिया कार क्रेटा लेरी हे, गरीब की बेटी अपने घर मे सिमटी रोरी हे, खेत बेच के ब्याह करणो, एक मजबूर बाप की मजबूरी हे, आज बिको खेत वाको, कल तेरी बारी हे, ई दहेज सगो ना काईको, याने दुनिया मारी हे! छोड दियो दहेज लेणो देणो, बस यही हे नसीर को कहणो..!

मेवाती चौधर

बुजर्गन नी दीनी चौधर की जिन लू पाग, वो बिजेपी को गावा हा अब राग! जिनकी ठोकर सू हिल जावे ही थाना कोट, बिजेपी लू मांगा हा अब वो वोट!

दहेज वालो केश

थावस रखले तू मत करा कलेश, कोई आयेगो क्रेटा वालो केश..! बारहवीं जैसी ही तू पढ जाईगो, क्रेटा मे चैक भुन जाईगो!

मेवात की तारीख

मेवात की तारीख की बात सुणाऊ, सुणो धियानसू तमलू बाताऊ! या मेव ऐसा मरदाना हा, गढ हांसी तक ये घोडा हांके हा! दिन- धुप्पर को दिल्ली पे धावा बोले हे, सुल्तानन की ताकत हे तलवारन पे तोले हे! धोज गाम मे जब मेवन ने युद्ध की धवजा गाडी ही, बलबन की सेना की जमके सीश उतारी ही! मेव मरखणा हा कुछ ऐसा अलबेला, बाबर के खिलाफ भी रण ये खेला! आयो जब जमानो अंग्रेजन को, विलयम फ्रेजर भी मेवन ने रेलो! सन 57 मे गुडगांव मे, की ही बगावत खूब! मार भगाया अंग्रेज, कलेक्टरी दीनी  फूंक!

दहेज को भूत

चैहरा पे हांशी दिलन मे मेल भरकर बेठा हे, कब मोका मिले और बल निकालू, मोखा की तलाश मे बेठा हा! #नसीर_मेव

मेवाती दोहा

चैहरा पे हांशी दिलन मे मेल भरकर बेठा हे, कब मोका मिले और बल निकालू, मोखा की तलाश मे बेठा हा! #नसीर_मेव

मेवाती राजनीति और लूट

अपणा हिस्सा की तरक्की ,भाई सियासत खागी । लंदन सू तो मिली आजादी,पर नई गुलामी भागी। जाने हम पे राज करो,वाकी किस्मत जागी। हीं खानदानी नैता होगा,कौई ना होवे बागी। कस दामन पे करूं भरोसो ,हुया सरैटा दागी। राज करण की हम पे बीरा ,तुक भी उन्ने पागी। आपस की यू फूट हमारी ,आपा ही है खागी। आने वाली नसलन तक भी ,हीं मायूसी छागी। दुनिया भर की सभी जहालत ,अपणे हिस्से आगी। अपणा हिस्सा की तरक्की ,भाई सियासत खागी।